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श्री राधा कृष्ण मंदिर गोकुल |
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श्री नंद मंदिर गोकुल |
गोकुल पहुंचने के लिए हमें यमुना नदी पार करना होता है पुल से यमुना नदी का सुंदर दृश्य देखा जा सकता है यहां से बहती हुई यमुना नदी बहुत विशाल और चौड़ी प्रतीत होती है जिसमें लाखों टन पानी बहता हुआ दिखाई पड़ता है यहां पर यमुना नदी का पानी बहुत ही स्वच्छ और साफ सुथरा है
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यमुना नदी पुल गोकुल |
पुल पार करते ही गोकुल का मुख्य द्वार दिखाई पड़ता है जहां से प्रवेश करते ही हमें नंद मंदिर दिखाई देता है थोड़ा आगे चलने पर गोकुल का सबसे प्रसिद्ध ठकुरानी घाट है मान्यता है कि श्री वल्लभाचार्य जी को माता यमुना ने यहीं पर घाट पर दर्शन दिए थे इसलिए वल्लभाचार्य संप्रदाय के सारे लोग इसी घाट को प्रमुख स्थान देते हैं और पूजा अर्चना करते हैं
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गोकुल का मुख्य द्वार |
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ठकुरानी घाट गोकुल |
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ठकुरानी घाट गोकुल |
यह स्थान नंद महल के नाम से प्रसिद्ध है क्योंकि यहां एक विशाल नंद महल जोकि कृष्ण जी के पिताजी के नाम पर बना है स्थापित है कुछ सीढ़ियां चढ़ने के बाद हम नंद महल में प्रवेश करते हैं
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विशाल नंद महल सीढ़ियां |
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विशाल नंद महल सीढ़ियां |
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विशाल नंद महल सीढ़ियां |
नंद महल जहां सबसे पहले माता योगमाया का मंदिर मिलता है जहां माता योगमाया की विशाल प्रतिमा स्थापित है
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माता योगमाया मंदिर |
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माता योगमाया |
इसके बाद हम चलते हैं नंद भवन की ओर नंद भवन में कई मंदिर स्थापित हैं जैसे कि शिव जी,दुर्गा जी,श्री कृष्ण और राधा जी,नंद जी और माता यशोदा के कई मंदिर यहां देखने मिलते हैं यहां वह स्थान भी देखने मिलता है जहां माता योगमाया और श्रीकृष्ण में अदला-बदली हुई थी
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विशाल नंद महल |
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विशाल नंद महल |
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विशाल शिव जी मंदिर |
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योगमाया और श्रीकृष्ण में अदला-बदली |
जब नंद बाबा श्री कृष्ण को टोकरी में रखकर यमुना पार किए थे यहां श्री कृष्ण से जुड़े कई दृश्यों को भी चित्रित किया गया है जिसमें सिर पर टोकरी रखे नंद बाबा श्री कृष्ण और राधा जी वह मयूर जैसी कई दृश्य दिखाई पड़ते हैं
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श्री कृष्ण से जुड़े मयूर दृश्यों |
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श्री कृष्ण और राधा जी |
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विशाल नंद महल |
नंद महल के पास बने ठकुरानी घाट के पास स्थान भी है जहां से नंद बाबा श्री कृष्ण को यमुना नदी पार कराकर गोकुल लेकर आए थे यह बहुत ही प्रसिद्ध घाट है और सिद्ध घाट है इसी नंद महल के पास प्रसिद्ध श्री कृष्ण बलराम मंदिर भी है
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ठकुरानी घाट दृश्यों |
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ठकुरानी घाट दृश्यों |
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ठकुरानी घाट दृश्यों |
लेकिन इन स्थानों पर फोटो लेना और वीडियो बनाना सख्त मना है नंद महल के पास कई पुराने घर दरवाजे और स्तंभों को देखा जा सकता है जो कि प्राचीन काल की याद तरोताजा करते हैं इसके बाद हम चलते हैं गोकुल से 5 किलोमीटर दूर स्थित एक प्रमुख स्थल रमणरेती, रमणरेती श्री कृष्ण और राधा जी के मंदिर और हिरण अभ्यारण के लिए प्रसिद्ध है पहले हम चलते हैं श्री राधा कृष्ण मंदिर दर्शन करने मंदिर में प्रवेश करते ही हमें बैग वाह जूते जमा करने होते हैं
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रमणरेती मुख्य द्वार |
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रमणरेती मुख्य द्वार |
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मंदिर खुलने का समय |
यहां कुछ ही दूरी पर बाईजी की प्रमुख धर्मशाला है जहां दूर-दूर से आए हुए लोग यहां धर्मशाला में ठहर सकते हैं यह मंदिर दोपहर 12:00 बजे से शाम के 4:00 बजे तक बंद रहता है जब भी आप रमणरेती आए तो सुबह आए या फिर शाम को 4:00 बजे के बाद आए जब हम श्री राधा कृष्ण मंदिर पहुंचे तब मंदिर के पट बंद थे और उस समय भगवान को भोग लग रहा था
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श्री राधा कृष्ण मंदिर गोकुल |
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श्री राधा कृष्ण मंदिर गोकुल |
मंदिर के सामने एक शिवलिंग और विशाल स्तंभ स्थापित है इस स्तंभ के ऊपर गरुड़ देव श्री कृष्ण की तरफ मुंह करके विराजमान हैं कुछ ही देर में मंदिर के पट खुलते हैं और लोग दर्शन के लिए राधा कृष्ण के मंदिर की ओर बढ़ते हैं लोगों ने दर्शन किए तू आरती और भजन शुरू हो गए हमने भी श्री राधा कृष्ण जी के दर्शन किए मंदिर गर्भ में ही बलराम जी और रेवती जी की विशाल प्रतिमा स्थापित है
मंदिर प्रांगण में लोगों का भजन कीर्तन वह नृत्य देखकर हम अचंभित थे पूरा माहौल श्री कृष्ण भक्ति में विलीन था और सब राधे-राधे का जाप कर रहे थे
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श्री राधा कृष्ण मंदिर गोकुल लोगों का भजन कीर्तन |
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श्री राधा कृष्ण मंदिर गोकुल लोगों का भजन कीर्तन |
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श्री राधा कृष्ण मंदिर गोकुल लोगों का भजन कीर्तन |
मंदिर प्रांगण में ही बजरंगबली मंदिर,श्री कृष्ण भक्त सद्गुरु जी का मंदिर भी स्थापित है
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बजरंगबली मंदिर |
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सद्गुरु जी का मंदिर |
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भोजन रूपी प्रसाद की थाली गिलास |
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मंत्रोच्चारण के साथ भोजन ग्रहण |
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मंत्रोच्चारण के साथ भोजन ग्रहण |
यहां मंदिर की दीवारों पर कई सुंदर दृश्य के रह गए हैं कई सारी चित्रकारी अभी इन्हीं मंदिर दीवारों पर की गई है जो देखने में बहुत खूबसूरत लगती है यहां मंदिर प्रांगण में कई छोटे-छोटे घर देखने मिलते हैं जो कि गुरुजनों और अभ्यार्थी संतो के रहने के लिए बनवाई गई हैं
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दीवारों पर कई सुंदर दृश्य |
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मंदिर प्रांगण में कई छोटे-छोटे घर |
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मंदिर सुंदर दृश्य |
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मंदिर सुंदर दृश्य |
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रमणरेती अभ्यारण |
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रमणरेती अभ्यारण |
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रमणरेती अभ्यारण |
कैसे पहुंचे रमणरेती
मथुरा से गोकुल लगभग 10 किलोमीटर दूरी पर है जहां आप बस टेंपो या टैक्सी से आसानी से पहुंच सकते हैं गोकुल जाने के लिए आपको मथुरा के पुराने बस स्टैंड की ओर जाना होता है जो कि रेलवे स्टेशन से पुराना बस स्टैंड लगभग 3 किलोमीटर दूरी पर स्थित है यहां से आपको मथुरा के लिए साधन मिल जाते हैं जब आप मथुरा में दर्शन कर लेते हैं उसके बाद मथुरा से रमणरेती लगभग 5 किलोमीटर दूरी पर है जहां पहुंचने के लिए ऑटो और टैक्सी चलती रहती हैं मथुरा में भोजन के लिए बहुत सारी जगह है और रमणरेती में मंदिर प्रशासन की ओर से आपको भोजन की व्यवस्था करा दी जाती है