Bhimbetka || भीम बेटिका / Bhimbetka rock / विश्व धरोहर स्थल / Bhimbetka rock shelters Bhopal

भीम बेटिका आदिमानव चित्रकारी / विश्व धरोहर स्थल / Bhimbetka rock shelters Bhopal
भीम बेटिका भोपाल / विश्व धरोहर स्थल

दोस्तों आज हम आए हैं भीम बेटिका भोपाल, मध्य प्रदेश के रायसेन जिले में स्थित है तथा भोपाल से 45 किलोमीटर दूरी पर है

प्रस्तावना भीम बेटिका भोपाल :-

भीमबेटका में जैसे ही आप प्रवेश द्वार पर पहुंचते हैं चारों तरफ हरे भरे पेड़ पौधे ऊंचे ऊंचे पर्वत नजर आएंगे चारों तरफ का वातावरण बहुत ही मन को मोह लेने वाला रहेगा और आप अपने आप को एक खूबसूरत जगह पर खड़े पाते हैं जैसे ही आप प्रवेश द्वार से अंदर आते हैं सागौन के वृक्षों के बीच हमें एक गुफा और ऊंचे पर्वत नजर आते हैं हमारे अंदर आते ही सभागृह की गुफा मिलती है जो देखने में लाल पीले पत्थरों से बनी है जो एक बड़े पर्वत की तलहटी में स्थित है इस सभागृह के सामने एक गगनचुंबी पर्वत दिखेगा जिसकी अद्भुत कृति देखकर आप मंत्रमुग्ध हो जाएंगे यह कृति प्राकृतिक रूप से इन पर्वतों पर बनी है यह सभागृह की गुफा भी बहुत ऊंचे पर्वतों की तलहटी से बनी है जिसमें बहते हुए पानी कुछ शैल चित्र नजर आएंगे इतनी ऊंची पर्वत श्रृंखला चारों ओर की हरियाली आपका मन शांत कर  देगी

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विश्व धरोहर स्थल की सूची में शामिल :-

भीम बेटिका भोपाल आदि मानव द्वारा शैल चित्रों और शैलाश्रय,शैलाश्रय का मतलब आदिमानव के रहने के स्थान के लिए प्रसिद्ध है,

आप को आरंभ में ही कुछ शैल चित्र देखने को मिलेंगे, भीमबेटका को यूनेस्को ने विश्व धरोहर स्थल की सूची में शामिल किया है भीमबेटका क्षेत्र को भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण भोपाल मंडल ने अगस्त 1990 में राष्ट्रीय महत्व का स्थल घोषित किया इसके बाद जुलाई 2003 में यूनेस्को ने इस स्थान को विश्व धरोहर स्थल में शामिल किया, यहां लगभग 600 गुफाएं हैं जहां आदिमानव रहते थे और 275 गुफाओं को आदि मानवों ने चित्रों से सुसज्जित किया है

यह बहुमूल्य धरोहर अब पुरातत्व विभाग के संरक्षण में है ,यहां के शैल चित्रों में मानव कृति, शिकार, पशु पक्षी, युद्ध आदि क्रियाकलापों को दिखाया गया है चित्रों में प्रयोग किए गए खनिज रंगों में मुख्यतः गेंरवा, लाल सफेद रंग हैं

यूनेस्को द्वारा प्रमाणित विश्व धरोहर स्थल भीम बेटिका का इतिहास हजारों साल पुराना है मान्यता है कि पांडवों के भाई भीम ने यहां कुछ समय व्यतीत किया था इस कारण इस स्थान का नाम भीमबेटका पड़ा

भीम बेटिका आदिमानव चित्रकारी / विश्व धरोहर स्थल / Bhimbetka rock shelters Bhopal
भीम बेटिका शैल चित्र

भीम बेटिका आदिमानव चित्रकारी / विश्व धरोहर स्थल / Bhimbetka rock shelters Bhopal

                                    भीम बेटिका  शैलाश्रय

भीमबेटका गुफाएं :-

यदि आप कभी भोपाल रायसेन या होशंगाबाद आए तो भीम बेटिका के नजारों का भी लुफ्त उठाएं हमारी संस्कृति और विकास को समझें और प्रकृति के साथ जुड़े, प्रकृति अभी तक हमको केवल देते रही है अब समय गया है कि हमें अपनी प्रकृति के लिए कुछ करना है उसे और भी सुंदर खूबसूरत बनाना है नहीं तो हमारे आने वाली पीढ़ी इस खूबसूरत वह मनो मनमोहक दृश्य से वंचित हो जाएगी

भीम बेटिका के प्राचीन मानव का विकास विश्व के अन्य प्राचीन स्थलों से हजारों वर्ष पूर्व हुआ इस प्रकार यह स्थान मानव विकास का प्रारंभिक स्थान माना जाता है भीमबेटका के मुख्य द्वार से प्रवेश करते ही हमको ₹50 का टिकट काउंटर मिलता है जहां से हमें ₹50 का टिकट लेना होता है यहां से लगभग 2 किलोमीटर दूरी पर यह गुफाएं स्थित है यहां स्थित सभागृह की गुफा सबसे बड़ी गुफा है जिस पर बहते हुए पानी के निशान आसानी से दिखाई पड़ते हैं जैसे ही आप गुफा में प्रवेश करते हैं आपको कुछ और शैल चित्र दिखाई देंगे जिनमें पंजे का निशान, बारहसिंघा का चित्र गाय प्रमुख शैल चित्र है, इसके बाद एक विशाल चट्टान के ऊपर अवनत प्याले जिसे हम कप या कोन तरह के गड्ढे कहते हैं के निशान दिखाई पड़ते हैं, कहा जाता है यह 100000 वर्ष पुराने है वैज्ञानिक इन्हीं प्यालो की तरह दिखने वाले गड्ढे पर रिसर्च कर रही है कि इनका निर्माण आखिर कैसे हुआ

भीम बेटिका आदिमानव चित्रकारी / विश्व धरोहर स्थल / Bhimbetka rock shelters Bhopal
भीम बेटिका भोपाल अवनत प्याले

भीम बेटिका आदिमानव चित्रकारी / विश्व धरोहर स्थल / Bhimbetka rock shelters Bhopal
भीम बेटिका भोपाल गुफा


जू रॉक या जंतु शैलाश्रय :-

इसके बाद हम आगे बढ़ते हैं जहां तरह-तरह के सुंदर पर्वत नजर आएंगे इसके बाद हमें जू रॉक या जंतु शैलाश्रय वाली गुफा मिलती है जिसमें विभिन्न जानवर जैसे नील गाय, बैल, हिरण, शिकार खेलते मनुष्य दिखाई पड़ते हैं

हम जैसे जैसे आगे बढ़ते जाएंगे हमें कटे हुए पहाड़ दिखाई देंगे यहां आदिमानव रहा करते थे एक पहाड़ की चोटी से देखने पर आपको चारों ओर का खूबसूरत नजारा दिखाई पड़ेगा जहां घना जंगल ऊंचे पहाड़ दिखाई पड़ते हैं यह स्थान बड़ा शांति देने वाला है इसलिए सैलानियों का यहां लगातार आना जाना इस गुफाओं के आसपास बना रहता है आगे चलने पर जंगल और घना होता जाता है

थोड़ी दूर चलने पर दो पहाड़ों के बीच से पतली सी जगह दिखाई पड़ती है इस पहाड़ के ऊपर एक गुफा में लाल रंग से कुछ और शैल चित्र दिखाई देते हैं यह बहुत ही सुंदर है जिनमें कुछ और जानवर   शिकार खेलते हुए मनुष्य दिखाई पड़ेंगे इसी के सामने एक गहरी गुफा दिखाई देंगी संभवत यह आदिमानव के रहने का स्थान होगी, जिससे कई दरवाजे दिखाई पढ़ेंगे यहां कई और खूबसूरत गुफाएं देखने मिलेगी हर गुफा के सामने एक बोर्ड दिखाई देगा जिस पर उस गुफा के बारे में बताया गया होगा इसे गाइड बोर्ड कहते हैं

 

भीम बेटिका आदिमानव चित्रकारी / विश्व धरोहर स्थल / Bhimbetka rock shelters Bhopal
भीम बेटिका जंतु शैलाश्रय

विशालकाय वराह या जंगली सूअर :-

अब हम अगले सेल आश्रय की ओर बढ़ते हैं जिसका आकार कुछ मशरूम की तरह दिखाई देगा इस पर विशालकाय वराह या जंगली सूअर की आकृति दिखाई पड़ती है

इन्हीं घने जंगलों के बीच स्थित है गुफा नंबर 8 यह महत्वपूर्ण गुफा है यहां गहरे लाल रंग से कई शैल चित्र दिखाई देंगे हमें कई और शैली चित्र यहां बनी गुफाओं में देखने मिलते हैं जिनमें बड़े पक्षी, शिकार खेलते मनुष्य, हिरण, बिच्छू आदि चित्र देखने मिलते हैं जो कि सफेद रंग से बनाए गए हैं ये चित्र तो बहुत ही अच्छी स्थिति में हैं और आज तक मीटेे नहीं है

भीम बेटिका आदिमानव चित्रकारी / विश्व धरोहर स्थल / Bhimbetka rock shelters Bhopal
भीम बेटिका जंगली सूअर

युद्ध से संबंधित शैल चित्र :-

शैलाश्रय क्रमांक 6 में सैनिकों को बड़े घोड़े के ऊपर बैठे दिखाया गया है संभवतः यह युद्ध से संबंधित शैल चित्र है ऊपर के एक शैल चित्र में सैनिक तलवार लिए हुए दिखाया गया है

शैलाश्रय क्रमांक पांच में और रोचक शैल चित्र दिखाई पड़ते हैं जिन पर कई लोग एक दूसरे के साथ झुंड में देखे जा सकते हैं

इसके बाद हम एक अगली गुफा में आगे बढ़ते हैं जिसमें एक बड़ा हाथी,घोड़ा,मनुष्य दिखाई देंगे

भीम बेटिका आदिमानव चित्रकारी / विश्व धरोहर स्थल / Bhimbetka rock shelters Bhopal
भीम बेटिका बड़ा हाथी,घोड़ा

भीम बेटिका आदिमानव चित्रकारी / विश्व धरोहर स्थल / Bhimbetka rock shelters Bhopal
भीम बेटिका बड़ा हाथी

आदिमानव की चित्रकारी :-

गुफाओं की दीवारों को आदिमानव ने बहुत ही सहज ढंग से चित्रित किया है यह इस बात का प्रतीक है कि आदि मानव ने पशुपालन शिकार का विकास किया और साथ-साथ चित्रकारी में भी उत्कृष्ट स्थान प्राप्त किया यह सजे हुए चित्र देखकर मन रोमांचित हो जाता है और हम इस सोच में पड़ जाते हैं कि हमारी सभ्यता ने कितनासफर तय कर लिया है यह आभास होता है कि विकास के इस युग में हमने कितना कुछ खो दिया है कला संस्कृति प्रकृति से रिश्ता सब कुछ

भीम बेटिका आदिमानव चित्रकारी / विश्व धरोहर स्थल / Bhimbetka rock shelters Bhopal
भीम बेटिका आदिमानव चित्रकारी
हमें यह सोचने की जरूरत है कि हम फिर से इसके साथ कैसे जुड़ सकते हैं हम प्रकृति के साथ कैसे सामंजस्य स्थापित कर सकते हैं इसे हम कैसे संजोकर आने वाली पीढ़ियों को यह बता सकते हैं कि इस विकास के युग में हमारा इतिहास सर्वोपरि है और इसकी सुरक्षा भी इसके महत्व को समझना और समझाना अब हमारी जिम्मेदारी चुनौती दोनों हैं

भीम बेटिका आदिमानव चित्रकारी / विश्व धरोहर स्थल / Bhimbetka rock shelters Bhopal
भीम बेटिका आदिमानव चित्रकारी

प्राचीन माता वैष्णो देवी के दर्शन :-

यहां जब भी आप आए तो ऊंची ऊंची पहाड़ियों के बीच प्राचीन माता वैष्णो देवी के दर्शन जरूर करें क्योंकि इन गुफाओं से कुछ ही दूरी पर स्थित है यहां भी आप प्रकृति के खूबसूरत नजारे देख पाते हैं और वैष्णो माता के दर्शन भी प्राप्त होते हैं इस तरह हम अपने सफर को यहीं समाप्त करते हैं एक नए सफर की ओर

अति दुर्लभ शैल चित्र :-

इस प्रकार के प्रगैतिहासिक शैली चित्र रायगढ़ जिले के कबरा पहाड़ी की गुफा में होशंगाबाद के निकट आदमगढ़ में, छतरपुर जिले के बिजावर के निकट पहाड़ियों पर, रायसेन जिले में बरेली तहसील के मृगेंद्र नाथ की गुफाओं के शैल चित्र  एवं भोपाल रायसेन मार्ग पर भोपाल के निकट पहाड़ियों पर जिसका नाम चिड़िया टोला है मैं यह शैली चित्र पाए गए हैं हाल ही में होशंगाबाद मध्य प्रदेश के पास बुधनी के एक पत्थर खदान में भी यह शैल चित्र पाए गए हैं भीमबेटका से 5 किलोमीटर दूरी पर पिंगावन में यह चलचित्र की 35 गुफाएं पाई गई है इनमें विभिन्न विभिन्न प्रकार के शैली चित्र  पाए गए हैं यह शैल चित्र अति दुर्लभ माने जाते है

 

भीम बेटिका आदिमानव चित्रकारी / विश्व धरोहर स्थल / Bhimbetka rock shelters Bhopal
भीम बेटिका अति दुर्लभ शैल चित्र

भीम बेटिका आदिमानव चित्रकारी / विश्व धरोहर स्थल / Bhimbetka rock shelters Bhopal
भीम बेटिका अति दुर्लभ शैल चित्र

कम्युनिकेशन का तरीका

कहा जाता है कि इन शैल चित्रों से आदिमानव अपनी बात कहा करते थे मतलब कि कम्युनिकेशन का तरीका था यह चलचित्र ये चलचित्र 10000 से 35000 साल तक पुराने हैं इन शैल चित्रों की मदद से हम हजारों सालों की दुनिया देख सकते हैं

 

कैसे पहुंचे :-

यह स्थान भोपाल से लगभग 45 किलोमीटर दूरी पर स्थित है पास का रेलवे स्टेशन भोपाल है जहां से आप भीम बेटिका बस कार कार ट्रक टैक्सी ऑटो और अपनी बाइक से पहुंच सकते हैं और यहां के नजारों का आनंद उठा सकते हैं यहां पर खाने के लिए भोजन आदि की कई होटल मिल जाएंगे जहां आप भोजन नाश्ता कर सकते हैं

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