पुष्कर राजस्थान |
पुष्कर राजस्थान |
पुष्कर
दोस्तों आज हम देखने जा रहे हैं पुष्कर शहर पुष्कर यह राजस्थान राज्य का एक शहर है जो कि ब्रह्मा मंदिर, ब्रह्मा कुंड, सावित्री माता मंदिर एवं यहां के मेले के लिए विख्यात है चलिए जानते हैं पुष्कर शहर के बारे में सबसे पहले हम चलते हैं ब्रह्म कुंड देखने हैं यहां स्नान करने के बाद हम ब्रह्मा मंदिर चलेंगे इस ब्रह्म कुंड मैं कई घाट है
पुष्कर घाट राजस्थान |
पुष्कर घाट राजस्थान |
वीडियो देखने के लिए नीचे लिंक पर क्लिक करें
यहां कुल 52 घाट तथा 100 से अधिक मंदिर हैं कहा जाता है इस ब्रह्म कुंड का निर्माण स्वयं ब्रह्मा जी ने किया था यहां कुछ विख्यात घाट हैं जैसे कि गौ घाट, ब्रह्मा घाट, नरसिंह घाट, बद्री घाट, रामघाट मुक्ति घाट और जगन्नाथ घाट इसमें सबसे प्रमुख गौ घाट है इन घाटों पर लोग दिवंगत पुरखों के लिए अनुष्ठान व पूजा अर्चना करते हैं
पुष्कर घाट राजस्थान |
नाग पहाड़ियां
मान्यता है कि भगवान ब्रह्मा जी आकाश भ्रमण कर रहे थे तभी ब्रह्मा जी के हाथ से कमल का फूल छूटकर नीचे जमीन पर गिर गया जहां यह कमल का फूल गिरा वहां एक सरोवर का निर्माण हुआ जिसे ब्रह्मसरोवर के नाम से जाना जाने लगा पुष्कर शहर अरावली पर्वत की नाग पहाड़ियों के किनारे बसा एक सुंदर शहर है इन पहाड़ियों को नाग पहाड़ियां इसलिए कहा जाता है क्योंकि इन पहाड़ियों की आकृति कुछ रेंगने वाले सांप की तरह दिखाई पड़ती है इसलिए इन्हें नाग पहाड़ियों के नाम से जाना जाता है
पुष्कर नाग पहाड़ियां राजस्थान |
पुष्कर नाग पहाड़ियां राजस्थान |
पुष्कर शिव मंदिर
कहा जाता है कि इस ब्रह्म कुंड में नहाने के बाद ब्रह्मा जी के मंदिर जाकर दर्शन करने से पापों से मुक्ति मिलती है इस ब्रह्मा कुंड के पास शिव मंदिर है जिस की परिक्रमा करने के बाद शिव जी के दर्शन करने से शुभ फल प्राप्त होते हैं मान्यता है ब्रह्म सरोवर का जल शिवजी पर चढ़ाने से व शिवजी की पूजा अर्चना करने से कष्टों से मुक्ति मिलती है
पुष्कर शिव मंदिर राजस्थान |
पुष्कर शिव मंदिर राजस्थान |
पुष्कर शिव मंदिर राजस्थान |
यहां के सारे घाट स्वच्छ भारत सुंदर है यहां इस घाट पर जूते चप्पल पहन कर आना सख्त मना है आप जब भी यहां आए तो यहां ब्रह्म सरोवर में तैरती हुई मछलियों के लिए आटा की गोली व यहां पर पक्षियों के लिए दाना साथ लेकर आएं कहा जाता है मछलियों के लिए आटा की गोली व पक्षियों के लिए दाना शुभ फल देता है
पुष्कर घाट पर पक्षी |
पुष्कर घाट पर पक्षी |
ब्रह्मा जी का मंदिर
इस ब्रह्म सरोवर में स्नान करने के बाद हम चलते हैं ब्रह्मा जी का मंदिर इस मंदिर के बाहर आप कोसामान रखने के लिए लॉकर मिल जाएंगे ब्रह्मा जी के मंदिर के अंदर मोबाइल कैमरा ले जाना मना है तथा मंदिर के अंदर फोटो खींचना वाह वीडियो बनाना मना है यहां पर सीढ़ियां से ऊपर चढ़ते ही हमें ब्रह्मा मंदिर का गर्भगृह दिखाई देता है जहां ब्रह्मा जी के एक विशाल मूर्ति स्थापित है
पुष्कर की कथा
ब्रह्मा जी के साथ माता गायत्री की मूर्ति भी दिखाई पड़ती है तथ्य यह है कि माता सावित्री ब्रह्मा जी की पहली पत्नी है जिन का भव्य मंदिर ब्रह्मा मंदिर से कुछ दूर रत्नागिरी की चोटी पर स्थित है पद्म पुराण के अनुसार ब्रह्मा जी ब्रह्मा सरोवर के किनारे एक बार यज्ञ कर रहे थे तभी माता सावित्री को आने में देर हो गई तो वह यज्ञ में शामिल नहीं हो पाए
तब ब्रह्मा जी ने ग्वाला पत्नी देव माता गायत्री को पत्नी के रूप में यज्ञ में शामिल किया यज्ञ पूर्ण हुआ उसके बाद सावित्री माता काआगमन होता है
सीढ़ियों का रास्ता
सावित्री माता ने अपनी जगह गायत्री माता को देख ब्रह्मा जी के ऊपर क्रोधित हुई तथा ब्रह्मा जी को श्राप दे दिया माता सावित्री के श्राप के कारणही पूरे संसार में ब्रह्मा जी का एकमात्र मंदिर पुष्कर शहर में है मान्यता यह भी है कि देवी सावित्री ने भगवान विष्णु जी को भी श्राप दे दिया क्योंकि उन्होंने ब्रह्मा जी का साथ दिया था
कहां जाता है कि इसी ब्रह्मा जी के श्राप के कारण भगवान राम को 14 वर्षों तक देवी सीता से अलग रहना पड़ा अब माता सावित्री क्रोधित होकर ब्रह्मा मंदिर से दूर रत्नावली पहाड़ी पर विराजमान हो गई यहां ब्रह्मा मंदिर के पीछे एक दुर्गा मंदिर भी स्थापित है जहां माता दुर्गा की विशाल प्रतिमा आपको देखने मिलेगी
माता सावित्री के दर्शन
इसके बाद हम चलते हैं माता सावित्री के दर्शन करने जिनका मंदिर दूर उची पहाड़ी पर स्थित है माता के मंदिर तक पहुंचने के दो साधन है एक तो आप सीढ़ियों से चढ़कर और दूसरा रास्ता रोपवे से माता के मंदिर तक पहुंचा जाता है
रोपवे का रास्ता
रोपवे का रास्ता
यहां माता के मंदिर तक पहुंचने के लिए लगभग 1000 सीढ़ियां चढ़ने पड़ती हैं अंतिम 200 से 300 सीढ़ियां एकदम खड़ी सीढ़ियां है इसलिए कुछ चिड़ियों चढ़ने के बाद आराम करने के लिए मंदिर कमेटी के द्वारा कुर्सियां भी लगवाई गई हैं जैसे जैसे ऊपर आप चढ़ते जाएंगे वैसे वैसे चारों तरफ का खूबसूरत नजारा दिखता जाएगा यहां से लगभग पूरा पुष्कर शहर देखा जा सकता है
माता सावित्री मंदिर |
जब हम सारी सीढ़ियां चढ़ जाते हैं तो ऊपर से देखने पर नजारा बेहद खूबसूरत हो जाता है दूर-दूर तक पहाड़ हरे भरे पेड़ पूरा पुष्कर शहर बहुत ही खूबसूरत नजारा हम देख पाते हैं
इसके बाद हम माता सावित्री मंदिर के गर्भ गृह में पहुंचते हैं जहां माता सावित्री विराजमान है यह मंदिर बेहद ही खूबसूरत मंदिर है जहां पर पहुंचने के बाद माता के दर्शन करने पर मन को शांति मिलती है और मन भक्तिभाव से भर जाता है
|
|
रंगनाथ जी का मंदिर
माता सावित्री के दर्शन करने के बाद अब हम चलते हैं रंगनाथ जी का मंदिर यह मंदिर विष्णु जी के रंगनाथ स्वरूप को समर्पित है मंदिर की स्थापत्य कला द्रविड़ शैली की है जो कि बहुत खूबसूरत प्रतीत होती है मंदिर के बाहर दो स्तंभ देखने मिलते हैं जिसे अरुण स्तंभ कहते हैं मंदिर काफी विशाल व कलात्मक है जब भी आप पुष्कर आए तो विष्णु जी के रंगनाथ स्वरूप का दर्शन जरूर करें इस मंदिर में भी कैमरा वह मोबाइल ले जाना मना है इस मंदिर का विशाल गेट भव्य प्रांगण वमन को मोहितकरने वाला गर्भ ग्रह है जहां विष्णु जी विराजमान है
भोजन की व्यवस्था
यहां खाना खाने
के लिए और नाश्ता करने के लिए
करने के लिए कई सारे
होटल उपलब्ध है जोकि
ब्रह्मा जी के मंदिर
के पास है हम आपको
बताते हैं यदि आप को भोजन
और नाश्ता करना है तो सबसे
अच्छी जगह ब्रह्मा मंदिर
के पास ही है यहां
पर ढेर सारे होटल
आपको खाना खाने और नाश्ता के लिए मिल
जाएंगे
यहां पहुंचने का तरीका
पुष्कर शहर अजमेर
शहर से लगभग 15 किलोमीटर दूरी पर स्थित
है यहां तक आप बस टैक्सी ऑटो से पहुंच
सकते हैं यहां कई लोकल
बस भी चलती हैं
जो आपको 35 मिनट में
पुष्कर शहर पहुंचा देती
है पुष्कर शहर में
घूमने के लिए कई ऑटो
रिक्शा उपलब्ध है ब्रह्मा मंदिर और ब्रह्म कुंड यह सभी
बस स्टैंड के लगभग
पास में ही स्थित
है
ठहरने का स्थान
ब्रह्म कुंड की दूरी बस स्टैंड से लगभग 1 किलोमीटर है और सारे मंदिर भी आपको पास में ही मिल जाएंगे ठहरने का स्थान पुष्कर शहर में कई संस्थान होटल लॉज उपलब्ध है यहां आप इन संस्थान में होटल में या लॉज में रुक सकते हैं हमने अजमेर शहर में ही होटल लिया था और सुबह सुबह पुष्कर शहर के लिए बस से निकल पड़े थे तो आप भी पुष्कर शहर जा अजमेर में भी रुक सकते हैं
संपर्क करें
Mail id
nonstoptravelling01@gmail.com