निधिवन वृंदावन उत्तर प्रदेश |
निधिवन वृंदावन उत्तर प्रदेश |
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निधिवन वृंदावन समाधिया
दिन भर दिखाई देने वाले बंदर पक्षी भक्त और पुजारी यहां से चले जाते हैं और परिसर के मुख्य द्वार पर ताला लगा दिया जाता है और यहां जो भी रात में रुक जाते हैं वह सांसारिक बंधन से पूर्ण रुप से मुक्त हो जाते हैं और जो पूर्ण रूप से सांसारिक बंधनों से मुक्त हो चुके हैं उनकी समाधिया निधिवन परिसर में ही बनी हुई हैं
निधिवन वृंदावन समाधिया |
नाश्ता की और खाने की होटल
मथुरा बस स्टैंड से वृंदावन लगभग 14 किलोमीटर दूरी पर स्थित है जहां आप बस या टैक्सी से आसानी से पहुंच सकते हैं वृंदावन पहुंचते ही गरम गरम कचोरी और समोसे की दुकान मिल जाएंगी
गरम कचोरी और समोसे की दुकान |
निधिवन परिसर
इसके बाद हम चलते हैं निधिवन की ओर पतली पतली तंग गलियों से होकर हम निधिवन के मुख्य द्वार पर पहुंचते हैं मुख्य द्वार से प्रवेश करते ही एक बड़ा प्रांगण देखने मिलता है निधिवन के अंदर श्री राधा कृष्ण के मंदिर हैं तो यहीं से हम प्रसाद और सामग्री द्वार पर बनी दुकानों से ले लेते हैं और निधिवन की ओर आगे बढ़ते हैं
प्रसाद-सामग्री दुकान |
निधिवन में मुख्य द्वार से प्रवेश करते ही कई साल पुराने छोटे कुत्ते हुए वृक्ष दिखाई देंगे जहां आप पेड़ के नीचे अगर खड़े हो जाएं तो आपको कोई नहीं देख सकता इन पेड़ों की डालियां आपस में गुथी हुई हैं यही श्रीकृष्ण अपनी सखियों के साथ राज करते हैं
पेड़ों की गुथी डालियां |
इसलिए रात 8:00 बजे के बाद किसी का भी निधिवन परिसर में जाना सख्त मना है कोई निधिवन में प्रवेश न कर पाए इसलिए मंदिर प्रशासन ने बांस का रास्ता बना दिया है जहां से कोई भी निधि वन के वृक्षों को क्षति नहीं पहुंचा सकता है
निधिवन परिसर में बांस का रास्ता |
निधिवन परिसर में बांस का रास्ता |
ललित कुंड / विशाखा कुंड निधिवन
निधिवन में इन्हीं बांस से घिरे रास्ते से आगे चलने पर एक बावड़ी दिखाई देती है इसे ललित कुंड / विशाखा कुंड कहते हैं इसका नाम विशाखा कुंड इसलिए पड़ा क्योंकि एक बार श्री कृष्ण की एक सखी विशाखा को रास करते समय प्यास लगी तो कि श्रीकृष्ण ने अपनी मुरली से एक कुंड का निर्माण किया जिसका नाम विशाखा कुंड रखा गया क्योंकि विशाखा नाम की सखी ने इस कुंड से पानी पीकर अपनी प्यास बुझाई
ललित कुंड / विशाखा कुंड निधिवन |
ललित कुंड / विशाखा कुंड निधिवन |
श्री बांके बिहारी मंदिर निधिवन
इस विशाखा कुंड से थोड़ा आगे पढ़ने पर श्री बिहारी जी का मंदिर मिलता है कहा जाता है श्री बांके बिहारी जी की प्रतिमा यहां स्वयं प्रकट हुई थी इसलिए इस मंदिर को श्री बांके बिहारी मंदिर के नाम से भी जाना जाता है
श्री बांके बिहारी मंदिर निधिवन |
रंग महल होली निधिवन |
रंग महल होली निधिवन |
श्री राधा रानी के मंदिर निधिवन
इसके बाद हम श्री राधा रानी के मंदिर चलते हैं जोकि रंग महल से कुछ ही दूरी पर स्थित है यहां मंदिर में श्री कृष्ण और राधा रानी की प्रतिमा स्थापित है यहां की मान्यता है कि एक बार श्री कृष्ण से राधा रानी ने उनकी मुरली छुड़ा ली क्योंकि श्री कृष्ण राधा रानी पर ध्यान नहीं दे रहे थे यह मंदिर इसी घटना को समर्पित है जहां श्री कृष्ण मुरली बजाते हुए तथा राधा रानी के साथ दिखाई पड़ते हैं
श्री राधा रानी के मंदिर निधिवन |
यह स्थान अलौकिक स्थान है जहां से कई पौराणिक घटनाएं व लोगों की मान्यताएं जुड़ी हुई है यह निधिवन वृंदावन का बहुत ही खूबसूरत स्थान है इसे देखकर ऐसा ही प्रतीत होता है कि हां श्रीकृष्ण यहां जरूर आते हैं और रात करते हैं यह स्थान मन को सुकून देने वाला है
निधिवन जाने का रास्ता |
शाह जी मंदिर
यहां वृंदावन में दर्शन के बाद हम चलते हैं शाह जी मंदिर जोकि निधिवन के पास ही स्थित है इस मंदिर का निर्माण कुंदन लाल शाह द्वारा निर्मित श्री राधा कृष्ण का मंदिर है यह मंदिर किसी महल से कम नहीं दिखाई पड़ता इस मंदिर में एक बड़ा सा हॉल व श्री राधा कृष्ण की मूर्तियां स्थापित हैं
शाह जी मंदिर वृंदावन |
इस मंदिर के खुलने का समय सुबह 9:30 बजे है यह स्थान भी वृंदावन के कुछ प्रसिद्ध स्थानों में एक है इस मंदिर को टेढ़े मेढ़े स्तंभों का मंदिर भी कहा जाता है क्योंकि यह मंदिर कुछ टेढ़े मेढ़े स्तंभों से बना है
शाह जी मंदिर वृंदावन |
शाह जी मंदिर वृंदावन |
वृंदावन के बंदर
एक बात और इस मंदिर के बाहर बहुत सारे बंदर दिखाई पड़ते हैं जब भी आप वृंदावन जाएं तो आप इन बंदरों से बच के रहें क्योंकि यह बंदर प्रायः चश्मा ले लेते हैं और फिर इनको कुछ खिलाना पड़ता है तो जब भी आप वृंदावन जाएं तो अपने साथ बैग और चश्मा होटल में रखे जाएं यहां सुरक्षित रखे
मथुरा से वृंदावन
वृंदावन मथुरा से लगभग 14 किलोमीटर दूरी पर स्थित है और वृंदावन बस स्टैंड से निधिवन लगभग 2 किलोमीटर दूरी पर स्थित है जहां आप आसानी से पैदल या फिर ऑटो से पहुंच सकते हैं निधिवन के पास बहुत सारे नाश्ता की और खाने की होटल है जहां आप खाना या नाश्ता कर सकते हैं ठहरने के लिए वृंदावन में बहुत सारे होटल और संस्थान के लॉज हैं जो महज 300 रूपए से 500 रूपए में आसानी से उपलब्ध हैं इसके अलावा आप मथुरा में भी रुक सकते हैं वृंदावन से मथुरा लगभग 20 मिनट का ही रास्ता है