नंद गांव बरसाना उत्तर प्रदेश / Nandgaon Barsana Uttar Pradesh

नंद गांव बरसाना / Nandgaon Barsana
नंद गांव बरसाना

दोस्तों आज हम देखने जा रहे हैं नंद गांव, नंद गांव बरसाना से लगभग 12 किलोमीटर दूरी पर स्थित है जैसे कि नाम से ही समझ में आ रहा है कि नंद गांव श्री कृष्ण के पिता श्री नंद जी के नाम पर रखा गया है प्राचीन समय में नंद गांव के मुखिया नंद जी ही थे यहां एक प्राचीन मंदिर बना है जिसका नाम नंदमंदिर है 

नंद गांव बरसाना / Nandgaon Barsana
नंद गांव बरसाना

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नंदगांव चौराहे से आनंद मंदिर लगभग 1 किलोमीटर दूरी पर स्थित है नंद मंदिर जाने का रास्ता पतली पतली सकरी गलियों से होकर जाता है कई मोड़ व गलियों को पार करने के बाद हम पहुंचते हैं नंद मंदिर के मुख्य द्वार पर 

नंद गांव बरसाना / Nandgaon Barsana
पतली पतली सकरी गलियों नंद गांव बरसाना

नंद गांव बरसाना / Nandgaon Barsana
पतली पतली सकरी गलियों नंद गांव बरसाना

मुख्य द्वार से अंदर आते ही हमें एक बड़ा प्रांगण देखने मिलता है इसी प्रांगण के बीचो बीच स्थित है नंद बाबा मंदिर,मंदिर गर्भ में पहुंचते ही हमें नंद बाबा-यशोदा मैया, राधा-कृष्ण-बलराम जी के दर्शन होते हैं इन सभी की मूर्तियां गर्भ ग्रह में स्थापित हैं जहां भगवान को छप्पन भोग चढ़ाया जाता है 

नंद गांव बरसाना / Nandgaon Barsana
नंद बाबा मंदिर

नंद गांव बरसाना / Nandgaon Barsana
नंद बाबा मंदिर

दर्शन करने के बाद हम मंदिर के दूसरे रास्ते से बाहर निकाला जाता है यह नंद मंदिर नंद महल जैसा है जो कि एक ऊंची पहाड़ी पर स्थित है जहां से चारों ओर का नंदगांव का नजारा देखा जा सकता है इसके बाद हम यही नजारे देखने के लिए नंद मंदिर के छत पर जाते हैं जहां से हमें पूरे नंद गांव के सुंदर नजारे देखने मिलते हैं नंद गांव की इच्छा से मंदिर के भी खूबसूरत दृश्य देख सकते हैं 

नंद गांव बरसाना / Nandgaon Barsana
चारों ओर नंदगांव का नजारा

नंद गांव बरसाना / Nandgaon Barsana
चारों ओर नंदगांव का नजारा

इस मंदिर के आसपास लस्सी छाछ दही जांच मिठाई व प्रसाद की कई दुकानें मिल जाएंगी इसी मंदिर के बाहर कुछ ही दूरी पर एक विशाल तालाब स्थित है मान्यता है कि यह तालाब श्री कृष्ण के द्वारा निर्मित किया गया था 

नंद गांव बरसाना / Nandgaon Barsana
तालाब श्री कृष्ण के द्वारा निर्मित

यही मंदिर के पास माला धारी श्री कृष्ण का मंदिर भी है श्रीकृष्ण को माला धारी इसलिए कहा जाता है क्योंकि श्री कृष्ण अपनी माला से शाम को लौटने वाली गायों को गिना करते थे और यह सुनिश्चित किया करते थे कि एक भी गाय कम ना हो इसलिए इस मंदिर का नाम माला धारी श्री कृष्ण मंदिर रखा गया

माला धारी श्री कृष्ण मंदिर
इसके बाद हम चलते हैं आशेश्वर महादेव मंदिर व टेर कदंब 

नंद गांव बरसाना / Nandgaon Barsana

टेर कदंब व आशेश्वर महादेव मंदिर नंद मंदिर से लगभग 1.5 किलोमीटर दूरी पर स्थित है यहां रास्ते में ही एक स्थान देखने मिलता है जहां श्री कृष्ण और बलराम की बैठक स्थल है कहा जाता है यहां श्री कृष्ण और बलराम विश्राम किया करते थे 

नंद गांव बरसाना / Nandgaon Barsana
श्री कृष्ण और बलराम की बैठक स्थल

यहीं से कुछ दूरी पर स्थित है टेर कदंब,टेर का अर्थ बुलाना होता है और कदंब का अर्थ कदंब का वृक्ष श्री कृष्ण कदंब के पेड़ पर चढ़कर अपनी गायों को बुलाया करते थे इसलिए इस स्थान का नाम  टेर कदंब पड़ा

नंद गांव बरसाना / Nandgaon Barsana
टेर कदंब

नंद गांव बरसाना / Nandgaon Barsana
टेर कदंब मुख्य द्वार

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कदंब का वृक्ष

इसी स्थान पर रूप गोस्वामी जी का मंदिर भी है जोकि चैतन्य महाप्रभु के कहने पर यहां साधना करने आए थे और कई वर्षों तक श्री रूप गोस्वामी जी ने यहां पर साधना की 

नंद गांव बरसाना / Nandgaon Barsana
रूप गोस्वामी जी का मंदिर टेर कदंब

मंदिर प्रांगण में ही कई कदंब के वृक्ष लगे हुए हैं इन्हीं कदंब के वृक्ष के नीचे श्री कृष्ण और बलराम जी की प्रतिमा स्थापित है जहां लोगों के द्वारा श्री कृष्ण भजन किया जाता है 

नंद गांव बरसाना / Nandgaon Barsana
श्री कृष्ण और बलराम जी की प्रतिमा टेर कदंब

नंद गांव बरसाना / Nandgaon Barsana
श्री कृष्ण और बलराम जी की प्रतिमा टेर कदंब

इसी मंदिर के पीछे की ओर एक विशाल जलकुंड बना है मान्यता है कि श्रीकृष्ण ने गायों को पानी पिलाने के लिए अपनी मुरली से ही इस कुंड का निर्माण किया था 

नंद गांव बरसाना / Nandgaon Barsana
विशाल जलकुंड टेर कदंब

टेर कदंब से कुछ ही दूरी पर स्थित है आशेश्वर महादेव मंदिर, आशेश्वर महादेव का मतलब आशा पूर्ति महादेव है जो लोग यहां कोई भी इच्छा या आशा लेकर आते हैं महादेव उनकी आशा जरूर पूरी करते हैं 
नंद गांव बरसाना / Nandgaon Barsana
आशेश्वर महादेव मंदिर

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आशेश्वर महादेव मंदिर

नंद गांव बरसाना / Nandgaon Barsana
आशेश्वर महादेव मंदिर

कहा जाता है कि जब महादेव स्वयं नंद गांव बाल श्री कृष्ण के दर्शन को आए थे तथा महादेव जब श्री कृष्ण के दर्शन के लिए नंद गांव में नंद भवन पहुंचे तो माता यशोदा ने महादेव का औखड़ स्वरूप देखकर बालकृष्ण से मिलाने को मना कर दिया तब महादेव ने इसी स्थान पर आशेश्वर महादेव मंदिर में बैठकर त किया महादेव की भी इच्छा बाल स्वरूप श्री कृष्ण के दर्शन को थी जो कि तब के बाद पूर्ण हुई इसलिए इस स्थान को आशेश्वर महादेव मंदिर कहा जाता है जहां मंदिर गर्भ में एक विशाल शिवलिंग व महादेव की प्रतिमा स्थापित है 

नंद गांव बरसाना / Nandgaon Barsana
विशाल शिवलिंग आशेश्वर महादेव

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महादेव की प्रतिमा आशेश्वर महादेव

मंदिर के पास में ही एक आशेश्वर महादेव कुंड भी है जहां स्नान करने से हमारी सारी इच्छाएं पूर्ण होती है
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आशेश्वर महादेव कुंड

बरसाना से दूरी नंदगांव बरसाना से लगभग 12 किलोमीटर दूरी पर स्थित है जहां आप टैक्सी बस या ऑटो से आसानी से पहुंच सकते हैं 

नंद गांव बरसाना / Nandgaon Barsana
नंदगांव बरसाना 

नंद गांव बस स्टैंड के पास आपको बहुत सारे खाने के लिए वह नाश्ता के लिए होटल मिल जाएंगे ठहरने के लिए आप बरसाना या फिर वृंदावन में रुक सकते हैं यहां नंद गांव में भी कुछ लॉज या होटल आपको ठहरने के लिए मिल सकते हैं
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