Har Ki Pauri Haridwar || Har Ki Pauri Ganga Aarti || हर की पौड़ी हरिद्वार || हर की पौड़ी का इतिहास

दोस्तों आज हम लोग देखने जा रहे हैं हर की पौड़ी लॉकडाउन के बाद हर की पौड़ी का स्वरूप बिल्कुल बदल सा गया है हर की पौड़ी उत्तराखंड के हरिद्वार में स्थित एक प्रसिद्ध स्नान घाट है यहां हर की पौड़ी घाट का मंदिर जाने का एक प्रवेश द्वार है जहां कई और मंदिर और कई छोटे-छोटे स्नान घाट हैं यहां माता गंगा की धारा के दोनों तरफ बने घाट घाट पर नहाते श्रद्धालु घंटाघर छोटी-बड़ी प्रसाद की दुकान है आदि स्थित है 

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हर की पौड़ी स्नान घाट में माता गंगा का प्रवाह इतना होता है कि कोई भी व्यक्ति आसानी से स्नान कर सकता है यहां सैकड़ों लोग माता गंगा में डुबकी लगाते हैं घाट की दूसरी तरफ माता गंगा का विस्तार व प्रवाह दोनों बहुत ज्यादा है जहां माता गंगा की एक विशाल प्रतिमा माता गंगा के प्रवाह के बीचो-बीच देखी जा सकती है यहां लोग माता गंगा की आरती माता गंगा की पूजा करते दिखाई पड़ते हैं 

यहां हर की पौड़ी का घाट कई मंदिरों से घिरा है जहां हजारों लोगों की चहल-पहल भक्ति भाव आरती मंत्र उच्चारण सुनकर एक अलग अनुभव का एहसास होता है मन खुशी व शांति से भर जाता है एक अलग पॉजिटिविटी यहां आने के बाद मन में आती है हर की पौड़ी घाट पर आप किसी भी प्रकार का शैंपू या साबुन का प्रयोग स्नान के लिए नहीं कर सकते हैं लेकिन विश्वास मानिए जब आप माता गंगा में डुबकी लगाएंगे स्नान करेंगे और स्नान करके बाहर आएंगे आपका पूरा शरीर कई घंटों तक माता गंगा के जल से सुगंधित रहेगा और आप कई घंटों तक ताजगी का अनुभव करते रहेंगे 

यहां हर की पौड़ी घाट में स्नान करने से ऐसा माना जाता है कि आपके सारे पापों का नाश हो गया है कई श्रद्धालुओं के द्वारा ऐसा भी कहा जाता है कि माता गंगा में नहाने से माता गंगा उन्हें आशीष देती है माता गंगा सारे दुख हर लेती है और माता गंगा में स्नान हर व्यक्ति के लिए शुभकारी ही सिद्ध होता है 

पुराणों के अनुसार यह मान्यता है कि यहां अमृत की कुछ बूंदे गिरी थी हुआ यह था कि समुद्र मंथन के दौरान निकला हुआ अभी तो महादेव ने कंठ में धारण कर लिया परंतु समुद्र मंथन से निकला अमृत के लिए देवताओं और दानवों के बीच युद्ध का कारण बना विश्वकर्मा जी देव और दानवों से वह अमृत बचा कर ले जा रहे थे कि अमृत की पात्र से छलक कर अमृत की बूंदें यहां हर की पौड़ी में गिरी और धार्मिक स्थानों में हर की पौड़ी का नाम जग प्रसिद्ध हो गया 

हिंदू पुराणों के अनुसार यह भी माना जाता है कि भगवान शिव शंकर यहां आए थे और भगवान विष्णु जी ने यहां आकर अपने परिजनों को छोड़ा था जो कि यहां आज भी देखे जा सकते हैं शायद इसलिए इस घाट का नाम हर की पौड़ी मतलब कि भगवान विष्णु के पदचिन्ह पड़ा हर की पौड़ी स्नान घाट के साथ-साथ यहां शाम को होने वाली माता गंगा की आरती के लिए भी यह स्थान बहुत प्रसिद्ध है यहां घाट पर आरती का समय सुबह 6:05 और शाम को भी 6:05 पर ही आरती होती है माता गंगा की मंदिर से पालकी आने के बाद ही तुरंत आरती चालू हो जाती है आपको यदि माता गंगा की आरती देखना है तो हमारे वीडियो को जरूर देखें और हमारे NonStop Travelling YouTube Channel को जरूर लाइक कमेंट शेयर और सब्सक्राइब करें दोस्तों हमारे NonStop Travelling YouTube Channel को Subscribe करना ना भूले


Friends, today we are going to see Har Ki Pauri After the lockdown, the form of Har Ki Pauri has changed completely.  Where there are many more temples and many small bathing ghats, here the devotees bathing on the ghat built on either side of the stream of Mata Ganga, 

there is a small-big prasad shop etc. Located in Har Ki Pauri bathing ghat, the flow of Mata Ganga is so much.  That any person can easily take a bath, here hundreds of people take a dip in Mata Ganga. On the other side of the ghat, both the expansion and flow of Mata Ganga is very high, where a huge statue of Mata Ganga can be seen in the middle of the flow of Mata Ganga.  

Here people are seen worshiping Mata Ganga Aarti.  Fills with peace, a different positivity comes to mind after coming here, come to Har Ki Pauri Ghat.  You cannot use any type of shampoo or soap for bathing, but believe me when you take a dip in Mata Ganga, take a bath and come out after taking a bath, your whole body will be scented with the water of Mata Ganga for many hours and you will be blessed with many  You will continue to experience the freshness for hours by taking a bath in the Har Ki Pauri Ghat, 

it is believed that all your sins have been destroyed.  Mother Ganga takes away all the sorrows and bathing in Mother Ganga proves to be auspicious for every person, according to the Puranas, it is believed that a few drops of nectar had fallen here, it was that Mahadev had come out during the churning of the ocean.  But Vishwakarma ji was the reason for the war between the gods and the demons for the nectar that came out of the churning of the ocean, he was saving the nectar from the gods and the demons that the drops of nectar spilled from the pot of nectar here at Har Ki Pauri.  

The name of Har Ki Pauri became world famous in Giri and religious places according to Hindu Puranas.  It is also believed that Lord Shiva Shankar had come here and Lord Vishnu had left his relatives here, which can be seen here even today, perhaps that is why the name of this ghat is Har Ki Pauri which means the footprints of Lord Vishnu.  Along with the Har Ki Pauri bathing ghat, this place is also very famous for the evening aarti of Mata Ganga.  The aarti starts immediately after the arrival of the palanquin from the temple, if you want to see the aarti of Mata Ganga, then definitely watch our video and subscribe to our NonStop Traveling YouTube Channel, like, comment, share and subscribe friends to our NonStop Traveling YouTube Channel.  don't forget to do
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